मंत्रिपरिषद के निर्णय-2018
रायपुर, 17 दिसम्बर 2018
प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक आज रात यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित की गई।
शपथ लेते ही वादा पूरा करने की शुरूआत
मंत्रि परिषद की प्रथम बैठक के निर्णय
आज छत्तीसगढ़ की नवनिर्वाचित सरकार द्वारा किसानों, युवाओं, कर्मचारियों के हित में तीन बड़े फैसले लेकर, आज से ही उनकी जिंदगी में नई खुशी की बहार लाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज शाम यहां मंत्रालय (महानदी भवन) अटल नगर में आयोजित मंत्रि परिषद की प्रथम बैठक में लिए गए निर्णय इस प्रकार हैं-
1. किसानों की कर्ज माफी-
राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री राहुल गांधी जी ने प्रदेश के किसानों से वादा किया था कि सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। इस संबंध में शपथ लेने के दो घण्टे के भीतर किसान हित में यह निर्णय ले लिया गया है।
शपथ के तुरंत बाद मंत्रालय पहुंचकर, नवपदस्थ मंत्रीगण माननीय श्री टी.एस. सिंहदेव, माननीय श्री ताम्रध्वज साहू तथा वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है, जिससे 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों के 61सौ करोड़ रू. से अधिक का ऋण माफ होगा।
मंत्रि परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अधिसूचित वाणिज्यक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण उपरांत कृषि ऋण माफी की कार्यवाही की जाएगी। हमारा मानना है कि ऋण माफी से किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन तथा सशक्तीकरण में मदद मिलेगी।
2. धान खरीद की दर- 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल-
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने प्रदेश के किसानों से यह वायदा किया था कि धान खरीदी की दर 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल कर दी जाएगी। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद यह निर्णय भी लिया गया है कि किसानों को धान का 25 सौ रू. प्रति क्विंटल दी जाएगी।
वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा मात्र 1750 रूपए प्रति क्विंटल की दर घोषित की गई है। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस तरह 25 सौ रूपए में 1750 रू. घटाने पर 750 रू. का अतिरिक्त व्यय भार आता है। प्रति क्ंिवटल 300 रू. बोनस की राशि समाहित करने के उपरांत भी 450 रू. की राशि बचती है। इस तरह केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 1750 रू. के अतिरिक्त 750 रु. प्रति क्ंिवटल का दायित्व स्वीकार करते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान खरीदी के लिए 25 सौ रू. प्रति क्ंिवटल की दर प्रदान की जाएगी।
3. झीरम घाटी की एसआईटी जांच होगी
मंत्रिपरिषद की बैठक
रायपुर, 25 दिसम्बर 2018
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में केबिनेट की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बस्तर जिले के लोहांडी गुड़ा क्षेत्र में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए लगभग एक दशक पहले किसानों की अधिग्रहित निजी भूमि उन्हें वापस करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया। केबिनेट की बैठक के बाद मंत्रीद्वय श्री रविन्द्र चौबे और श्री मोहम्मद अकबर ने इस फैसले की जानकारी दी। श्री चौबे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने बताया कि दस गांवों के 1707 खातेदारों को उनकी लगभग 1784 हेक्टेयर निजी भूमि वापस करने का सैद्धांतिक निर्णय आज की बैठक में लिया गया है। मुख्य सचिव को इसके लिए एक माह के भीतर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और सांसद श्री राहुल गांधी ने लोहांडी गुड़ा क्षेत्र के किसानों से यह वादा किया था कि टाटा इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित उनकी भूमि उन्हें वापस की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए अधिकारियों को मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर त्वरित अमल करते हुए आज 25 दिसम्बर को केबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया गया।
जिन गांवों के किसानों की भूमि वापस करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया गया है, उनमें तहसील लोहांडीगुड़ा के अंतर्गत ग्राम छिंदगांव, कुम्हली, धुरागांव, बेलियापाल, बडांजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर और सिरिसगुड़ा में तथा तहसील तोकापाल के अंतर्गत ग्राम टाकरागुड़ा शामिल हैं। टाटा इस्पात संयंत्र के लिए यह भूमि फरवरी 2008 और दिसम्बर 2008 में अधिग्रहित की गई थी, लेकिन संबंधित कंपनी द्वारा वहां उद्योग की स्थापना नहीं की गई। श्री चौबे ने बताया कि वर्ष 2016 में कंपनी ने तत्कालीन राज्य सरकार को पत्र लिखकर वहां उद्योग लगाने में अपनी असमर्थता जताई।
क्रमांक: 3227/स्वराज्य