मुख्य सामग्री पर जाएं
स्क्रीन रीडर एक्सेस
बुधवार, 31 मई 2023
मुख्य समाचार:

रायपुर: माड़िया एवं गौर नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति

माड़िया एवं गौर नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति

रायपुर, 03 नवम्बर 2022

गौर' नृत्य

गौर' नृत्य

गौर' नृत्य

- शिकार का वर्णन करती माड़िया नृत्य बस्तर अंचल की विशिष्ट पहचान है।

- गौर' नृत्य करते समय माड़िया पुरुष नर्तक अपने सिर पर गौर का सींग युक्त आभूषण सिर पर धारण करते हैं। इसी कारण से यह नृत्य गौर नृत्य कहलाता है।

- अविवाहित माड़िया युवक-युवतियां इसमें भाग लेते हैं। गौर को माड़िया बोली में माओ या पेटमा कहा जाता है, बांस की खपचियों के आड़े-तिरछे अवस्था में गौर सिंग को बांधा जाता है।

- कौड़ियों की लटें निकाल कर इसका सौंदर्य बढ़ाया जाता है। मुख्य रूप से वैवाहिक समारोहों में यह गौर नृत्य किया जाता है।