मुख्य सामग्री पर जाएं
स्क्रीन रीडर एक्सेस
बुधवार, 31 मई 2023
मुख्य समाचार:

 गौरेला पेंड्रा मरवाही : स्कूलो के बुनियादी जरूरतों के आधार पर किया जाए लघु मरम्मत कार्य : कलेक्टर श्रीमती महोबिया  

स्कूलो के बुनियादी जरूरतों के आधार पर किया जाए लघु मरम्मत कार्य : कलेक्टर श्रीमती महोबिया  

 गौरेला पेंड्रा मरवाही, 17 मार्च 2023/कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया ने आज परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास गौरेला के सभा कक्ष में  जिला शिक्षा अधिकारी और संकुल समन्वयको की बैठक ली। बैठक में श्रीमती महोबिया ने कहा कि स्कूलों में जरूरत की बुनियादी सुविधाओं का मरम्मत कार्य कराना है, जिसमें स्कूल के सीपेज वाली दीवार, टूटी हुई खिड़की, दरवाजा, शौचालय, पानी टंकी, लाइट, पंखा आदि शामिल है। किसी भी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की दिक्कत नहीं आनी चाहिए,जहां जरूरत वहां काम होना चाहिए। श्रीमती महोबिया ने कहा कि स्कूलों में लघु मरम्मत और अतिरिक्त अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य ग्राम पंचायत और शाला विकास समिति की ओर से किया जाना है। बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए ही पैसे का उपयोग होना चाहिए। बजट में राशि का आवंटन प्राप्त होने का आशय यह नहीं कि पैसों का फिजूल खर्च किया जाए। उन्हीने कहा कि मैं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगी। उन्होंने कहा कि अपने स्कूल का निरीक्षण कर आवश्यकताओ को चिन्हांकित कर उपलब्ध राशि के आधार पर भौतिक सत्यापन मरम्मत कार्य के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें। इसी प्रकार समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्राप्त बजट आवंटन के आधार पर मरम्मत कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा है कि कुछ ऐसे कार्य हैं जिनकी मरम्मत का किया जाना प्रक्रियाधीन है और कुछ ऐसे भी कार्य होंगे जो छूट गए हैं, जिनको कराया जाना प्रस्तावित है। उन कार्यों को पोर्टल में एंट्री करेंगे और उनकी स्वीकृति मिलने पर कार्य को पूरा करेंगे। कलेक्टर श्रीमती महोबिया ने कहा कि शिक्षक, तहसीलदार और पटवारी आपस में समन्वय बनाकर स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र का कार्य शीघ्रता से करें। जहां मिसल की कमी है उन बच्चों के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर जाति प्रमाण पत्र के कार्य पूर्ण करें। राजस्व विभाग के अधिकारी आवश्यक दस्तावेजों की चेक लिस्ट प्रदान करें जिसके अनुसार शिक्षक विद्यार्थियों से दस्तावेज प्राप्त कर जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के फार्म को पूरा करें। कलेक्टर ने " सुघ्घर पढ़वईया" योजना में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले शिक्षकों को 15 अगस्त के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली गुरुकुल की रही है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई करें और अच्छा नागरिक बने। हम आदिवासी क्षेत्र में उनकी इस उम्मीद को पूरा करने की कोशिश करेंगे कि उनका बच्चा अच्छे से शिक्षा ग्रहण करें। कलेक्टर ने कहा कि सीख कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक कमजोर बच्चों को चिन्हांकित करअपने ड्यूटी के उपरांत उनकी अतिरिक्त विशेष शिक्षा का व्यवस्था करें ताकि वो सामान्य बच्चों की भांति पढ़ाई करे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एन के चंद्रा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डाक्टर ललित शुक्ला और तहसीलदार सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, संकुल समन्वय आदि उपस्थित थे।