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शुक्रवार, 22 सितम्बर 2023
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दंतेवाड़ा: ’’पखना’’ चुंआ के गौठान से ग्राम्य महिलाओं को मिली नई दिशा  

समाचार

(सफलता की कहानी)

बदलता दंतेवाड़ा: नई तस्वीर

दंतेवाड़ा, 29 मई 2023। 

’’किसी ने बिछिया, पायल खरीदा तो किसी ने अपनी बहु के लिए साड़ी तो किसी ने अपने बच्चों के लिए स्कूल का पेन किताब या फिर किसी ने अपनी खेती किसानी में अपने पति को आर्थिक मदद की तो किसी ने जेवर’’ यह फेहरिस्त और भी लंबी हो सकती है। गौठानों में काम करने वाली महिलाओं की आय एवं उसकी व्यय को इंगित करती हुई यह पंक्तियां महिला समूहों की गौठान संचालन में भागीदारी के महत्व को दर्शाता है। गौठानों की विविधतापूर्ण रोजगार गतिविधियां एवं सहभागिता से इन महिलाओं ने अपना एक नया संसार रचा है वे दिन बीत गए जब उन्हें छोटी सी छोटी जरूरतों के लिए परिवार के सदस्यों से पैसे मांगने की नौबत आती रहती थी यूं तो पैसों की बचत हर स्त्री का स्वभाव सिद्धगुण होता है उस पर गौठानों के माध्यमों से हो रही आय और बचत ने निःसंदेह महिलाओं के मनोबल को उंचा करके उनकी नयी छवि प्रस्तुत की है और यह छवि है एक आत्मनिर्भर स्वयं सिद्धा नारी की।  ग्राम पखना चुंआ गौठान के जगदम्बा स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती मीना ठाकुर का इस संबंध में कहना था कि वे तीन साल से गौठान से जुड़ी हुई है पूर्व में उनका समूह हाट-बाजारों में विक्रय के लिए नमकीन मिक्चर का निर्माण करता था। परंतु अब समूह पूरी तरह से गौठान से जुड़कर वर्मी खाद का निर्माण कर रहा है। तब से अब तक समूह द्वारा 4 लाख किलो वर्मी खाद का विक्रय किया है, स्वयं श्रीमती मीना ठाकुर ने लगभग 45 हजार घर का गोबर बेचा है, इन पैसों से उन्होंने अपनी बेटी की शादी में सहूलियत हुई साथ ही उन्होंने अपने लिए पायल और बिछिया भी खरीदा। इसी प्रकार अन्य सदस्य श्रीमती जयंती ने अपनी बहु के लिए कपड़े खरीदे तो श्रीमती सेवती ने अपने बच्चों की स्कूली जरूरतों को पूरा किया। इस क्रम में श्रीमती फुलमती ने अपने लिए गहने लिए। गोबर खरीदी के अलावा इस गौठान में महिलाओं द्वारा साग सब्जी का उत्पादन भी किया जा रहा है। और सीजन में लौकी, बरबटी, भिन्ड़ी, भाजियों के उत्पादन से भी प्रत्येक सदस्यों को अतिरिक्त आय प्राप्त हो जाती है। गौठानों से प्राप्त आय और उसे अपने आवश्यकता अनुरूप खर्च का हिसाब किताब देती इन महिलाओं का चेहरे की चमक वास्तव में देखने लायक थी।

आत्मविश्वास के साथ भरपूर ये महिलाएं कहती है कि इसके अलावा आने वाले समय में वे कुक्कुट पालन और मशरूम उत्पादन में भी हाथ आजमाएंगी। अंत में ये महिलाएं प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करना भी नहीं भूली वे मानती है कि गौठान से उनके जीवन को नई दिशा मिली है। राज्य शासन की अभिनव संकल्पना गौठान में कार्यरत इन महिलाओं के मुस्कुराते चेहरे बताते है कि गौठानों की प्रेरक गतिविधियों एवं वातावरण ने उनमें नयी ऊर्जा का संचार कर जहां उनके लिए अनेक आकर्षक अवसर उपलब्ध है।

स.क्र./388/रंजीत

 

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